गुरुवार, 1 जुलाई 2010

प्रतिशोध

राजनीतिकारों पर और देश के गद्दारों पर
साठ साल किया हुआ शोध बाँट रहा हूँ.
गाँव के चौबारों में और दिल्ली के गलियारों में
आम आदमी का प्रतिशोध बाँट रहा हूँ ।
कुर्सी की आग में जलेंगे सारे एक दिन,
इसीलिये लोगों में विरोध बाँट रहा हूँ
जानता हूँ फ़र्ख न पड़ेगा कोई फिर भी,
हिजड़ों के गाँव में निरोध बाँट रहा हूँ॥

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