tag:blogger.com,1999:blog-9031179965048904523.post7656980610634441198..comments2023-07-14T01:21:38.917-07:00Comments on बददिमाग: baddimaghttp://www.blogger.com/profile/02636689932378231252noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-9031179965048904523.post-40707964379685150392011-08-29T08:57:17.887-07:002011-08-29T08:57:17.887-07:00raushan jee
paheli ka hal kuch you to nahin
r- ros...raushan jee<br />paheli ka hal kuch you to nahin<br />r- roshan jaswal<br />r- ratan chand nirjhar<br />r- ratn chand ratneshbaddimaghttps://www.blogger.com/profile/02636689932378231252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9031179965048904523.post-8785794321045681122011-02-20T04:29:17.701-08:002011-02-20T04:29:17.701-08:00भाई आपने बहुत ही बेहतर लिखा है और सारी पुरानी यादो...भाई आपने बहुत ही बेहतर लिखा है और सारी पुरानी यादों को ताजा कर दिया है<br />जी भाई निर्झर और उनकी पत्नी की पहली मुलाकात भी मेरे ही घर पर हुई थी उस समय मै सोलन जिले के चायल में रहता था और मेरे बडे बेटे का पहला जन्मदिन था उसमें निर्झर की सादगी देख कर कुछ रिश्तेदारों ने तो मुंह बना लिया था लेकिन मेरी पत्नी और उनकी बडी बहन ने इसे सही माना थी ही पर जया का साहस काम कर गया और मियां बीबी राजी हो गए तो क्या करते काजी खैर अब भी मेरे बेटे के हर जन्म दिन पर निर्झर उसे छेडते हैं और कहते हैं अभिषेक तेरी वजह से मैं इस चक्कर में फंसा......... बहुत बेहतर लेखन के लिए बधाई .......अरुण डोगरा रीतू बिलासपुर 98572 17200अरुण डोगरा रीतूhttps://www.blogger.com/profile/00025653002179071077noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9031179965048904523.post-89766811304047016352011-02-18T06:57:40.431-08:002011-02-18T06:57:40.431-08:00नेगी जी अब मैं क्या कहूं आपने बहुत सुन्दर श्ाब्...नेगी जी अब मैं क्या कहूं आपने बहुत सुन्दर श्ाब्दों में व्यक्त किया है वैसे मैं बता दूं कि मेरे लेखन के गुरू निर्झर जी ही है। वे आज भी मुझे जब भी फोन करते है तो कहते है चोर कहां हो अच्छा लगता है । खैर फेस बुक पर उनका एक पेज बना है जरा आप भी नजर डाल ले । हम तीन आर है आपके लिए पहेली है खोजे तो जाने। पुन आपको साधुवाद।रौशन विक्षिप्तhttp://roshanvikshipt.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9031179965048904523.post-3423901830692119192011-02-09T20:27:17.362-08:002011-02-09T20:27:17.362-08:00jee ratnesh ji...nirjhar hain hi aise ki un par to...jee ratnesh ji...nirjhar hain hi aise ki un par to puragranth ban sakta hia....aapka aabharbaddimaghttps://www.blogger.com/profile/02636689932378231252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9031179965048904523.post-57907269723690894372011-02-09T04:19:06.958-08:002011-02-09T04:19:06.958-08:00भाई नेगी जी, फोन पर 'बददिमाग' कहते तो उसी ...भाई नेगी जी, फोन पर 'बददिमाग' कहते तो उसी वक्त समझ जाता. मैं उसे 'बैड्डीमैग' समझा... बहरहाल आपने निर्झर पर बहुत अच्छा और दिल की गहराइयों से लिखा है. यादें ढेर सारी हैं...एक बार मैंने, जीतेंद्र अवस्थी और कमलेश भारतीय ने मिलकर भी उनके लिए एक युवती का चुनाव किया था जो गढवाल से थी, पर साक्षात्कार में निर्झर जी असफल रहे..रतन चंद 'रत्नेश'https://www.blogger.com/profile/05057949937682810035noreply@blogger.com